साहित्यकार व प्रसिद्ध भाषाविद डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’ की भावभीनी विदाई

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सार्थक दुनिया न्यूज़, कोरबा | 24 मार्च 2022  12:53 PM IST

कोरबा | पॉवरसिटी वेल्फेयर सोसायटी, कोरबा के तत्वावधान में स्थानीय उद्यान प्रांगण में आयोजित विशिष्ट कार्यक्रम में सोसायटी के संरक्षक डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग,’ को कालोनीवासियों द्वारा भावभीनी विदाई दी गई। वे यहां से स्थानांतरित होकर आजीवन अपने परिवार के साथ ‘यूनीहोम्स’ रायपुर में निवास करेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत में सोसायटी के संरक्षक- एस.पी.रेगे, अध्यक्ष- पी.पी.तिवारी, उपाध्यक्ष- इकबाल अहमद, सचिव- बी.पी.कैवर्त, उप सचिव- डी.पी.साहू, कोषाध्यक्ष- के.एस.ठाकुर, कार्यकारिणी सदस्य- योगेश साहू एवं विपीन कुमार सहित रामचन्द्र राव, अनिरुद्ध चौधरी, डी.एल. देवांगन, जी.आर. मेहरा, जी.के. कश्यप, रमेश चन्द्र सरोज, कमलेश सरोज, कृष्णा राव, रत्ना राव, धन कुमारी ठाकुर , ललिता सरोज एवं सुजाता सरोज ने डॉ. ‘नवरंग’, श्रीमती पुन्नी विश्वकर्मा एवं उनके पुत्र मयंक विश्वकर्मा को सम्मानित करने सहित कॉलोनी की ओर से स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में सोसायटी के अध्यक्ष पी.पी. तिवारी ने डॉ. नवरंग को कॉलोनीवासियों का सच्चा मार्गदर्शक निरुपित किया। एस.पी. रेगे ने साहित्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय ख़्याति का उल्लेख करते हुए उनके सामाजिक योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। रामचन्द्र राव ने विश्वकर्मा परिवार के सुखद भविष्य एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
डॉ. नवरंग ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में सोसाइटी को लघु भारत की संज्ञा देते हुए उपस्थित सभी लोगों से सामाजिक समरसता एवं भाईचारा बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि परस्पर प्रेम एवं विश्वास से सामुदायिक विकास को बल मिलने के साथ विकास को भी गति मिलती है। इस अवसर पर उनकी पत्नी पुन्नी विश्वकर्मा ने अपनी ओर से भावपूर्ण वक्तव्य दिया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. माणिक विश्वकर्मा ‘नवरंग’, 1 अप्रैल 1980 में भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड कोरबा के अनुसंधान एवं नियंत्रण प्रयोगशाला में विश्लेषक के पद पर नियुक्त हुए थे। दस वर्ष सेवा देने के पश्चात वे एनटीपीसी विन्ध्याचल चले गए एवं फरवरी दो हज़ार पन्द्रह को एनटीपीसी कोरबा के पर्यावरण प्रबंधन समूह से उपमहाप्रबंधक के पद पर सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 2016 से 2019 तक वे पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधीन जिला पर्यावरण विशेषज्ञ के पद पर सेवारत रहे। उसके पश्चात वे आईटी कॉलेज कोरबा से आब्जर्वर के रूप में भी जुड़े रहे। बालको आगमन से पूर्व वे बस्तर जिला कोआपरेटिव बैंक दुर्ग कोंदल में प्रबंध एवं शा.उच्चतर महाविद्यालय मारो में व्याख्याता (रसायन शास्त्र) के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। एक दर्जन से अधिक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख पदों पर रहते हुए राष्ट्रहित में आजतक वे अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अपनी विशिष्ट शैली, साफ़गोई एवं बेबाक़ बयानबाज़ी के लिए भी वे जाने जाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन सचिव- बी.पी.कैवर्त एवं आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष- के.एस.ठाकुर ने किया। पॉवरसिटी में किसी महानुभाव के सम्मान में पहली बार आयोजित विदाई हमारोह में बड़ी संख्या में कॉलोनीवासियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

 

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