यूपी कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीजेपी पिछड़ा विरोधी, दलित विरोधी और किसान विरोधी है. उन्होंने कहा कि इन्हीं सब वजह के चलते मैंने यूपी कैबिनेट से इस्तीफा दिया है.
• स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में हुए शामिल
• यूपी कैबिनेट से दिया इस्तीफा
• सरकार के कामकाज से थे नाराज
By सार्थक दुनिया डेस्क, कोरबा
Tuesday, January 11, 2022, 6:58 PM IST
लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया है. साथ ही दावा किया है कि कुछ और मंत्री भी जल्द बीजेपी छोड़ने वाले हैं. लेकिन मौर्य के इस्तीफे की वजह पुरानी है और वह पहले से ही यूपी सरकार के कामकाज को लेकर नाराज चल रहे थे.
सरकार के कामकाज से थे नाराज
दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज से नाराज थे. 20 जून, 2021 को एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था, ‘चुनाव बाद तय होगा सीएम कौन होगा, विधायक दल की बैठक में यह फैसला होगा. आलाकमान किसी और चेहरे को भी भेज सकता है, सीएम चेहरा योगी भी हो सकते हैं और कोई और भी हो सकता है, सब कुछ केन्द्रीय नेतृत्व को तय करना है.’
बेटे को नहीं मिली BJP की टिकट
मौर्य के बयान से साफ है कि उन्हें तब भी योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर भरोसा नहीं था और कामकाज को लेकर वह खफा चल रहे थे. दूसरी वजह यह है कि स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे अशोक के लिए विधान सभा का टिकट माँग रहे थे, बीजेपी देने को तैयार नहीं थी, क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य खुद विधायक और मंत्री हैं और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं लोक सभा सीट से बीजेपी सांसद हैं.
इसके अलावा अधिकारियों की कार्यप्रणाली से भी स्वामी प्रसाद मौर्य नाराज थे. सरकार के कुछ मुद्दों को लेकर लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व से शिकायत कर रहे थे. मौर्य कुशीनगर की पडरौना विधान सभा सीट से बीजेपी विधायक हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 में यूपी विधान सभा चुनाव से पहले बीएसपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. अब साल 2022 के यूपी चुनाव से पहले वह बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं.