नई दिल्ली, (सार्थक दुनिया न्यूज) । वेदांता की प्रमुख सामाजिक प्रभाव पहल नंद घर एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है, जो आंगनवाड़ियों को आधुनिक बनाकर उन्हें समुदाय विकास के जीवंत केंद्रों में बदल रहा है। यह कार्यक्रम पोषण, प्रारंभिक बाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ और महिला सशक्तिकरण जैसी एकीकृत सेवाएँ प्रदान करता है, ताकि समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से, नंद घर ने पोषण माह 2025 के उपलक्ष्य में एक मासिक अभियान शुरू किया है, जो 15 राज्यों में 3.5 लाख से अधिक परिवारों तक पहुंचेगा। “पोषण से प्रगति” विषय पर आधारित यह अभियान जागरूकता बढ़ाने, स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित करने और ग्रामीण समुदायों को सरल व सतत पोषण समाधान अपनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे ग्रामीण भारत में कुपोषण से लड़ने में मदद मिलेगी।
नंद घर की पोषण रणनीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है :
• प्रत्यक्ष पोषण सहायता – यह सुनिश्चित करती है कि ग्रामीण भारत के बच्चों को जीवन की स्वस्थ शुरुआत फोर्टिफाइड सप्लीमेंट्स और न्यूट्री बार्स तथा प्रोटीन शेक जैसी नवाचारों के माध्यम से मिले। साथ ही, यह पहल परिवारों तक सरकारी पोषण योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित करती है।
• सामुदायिक जागरूकता – यह अभिभावकों को प्रशिक्षण, परामर्श और बच्चों की वृद्धि की निगरानी के माध्यम से सशक्त बनाती है, साथ ही परिवारों को सीखने और स्थानीय स्रोतों और देशज सामग्री का उपयोग कर सरल, सतत पोषण प्रथाओं को अपनाने के लिए सामुदायिक नेटवर्क में जोड़ती है।
• प्रौद्योगिकी एकीकरण और साझेदारियाँ – यह समुदायों को आधुनिक उपकरणों और विश्वसनीय संस्थाओं से जोड़ती है, जिससे बच्चों की प्रगति का ट्रैक रखना, समय पर सहायता प्रदान करना और नवीन खाद्य समाधानों को अपनाकर रोज़मर्रा के आहार को बदलना आसान होता है।
नंद घर से जुड़े बच्चे को फोर्टिफाइड पोषण, संरचित प्रारंभिक शिक्षा और व्यवस्थित स्वास्थ्य निगरानी मिलती है। इस एकीकृत सहयोग से बच्चों का स्वास्थ्य, एकाग्रता और विद्यालयी तैयारी बेहतर होती है, जिससे उनके सर्वांगीण विकास की मजबूत नींव रखी जाती है।
इस वर्ष 12 सितम्बर से, देशभर के नंद घर पोषण जागरूकता और व्यवहार के जीवंत केंद्रों में बदल जाएंगे। इस अभियान के तहत रेसिपी प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे, जिनमें परिवारों को स्थानीय रूप से उपलब्ध, कम लागत और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही अभिभावक प्रशिक्षण सत्र भी होंगे, जिनमें आहार संबंधी प्रथाओं, मातृ स्वास्थ्य और बच्चों की वृद्धि की निगरानी पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, “पोषण भी, पढ़ाई भी” अभियान के अंतर्गत विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे, जो यह दर्शाएँगे कि संतुलित आहार और बच्चों की बेहतर शिक्षा के परिणामों के बीच गहरा संबंध है।
इसके अलावा, कई राज्यों में ग्रामीण बच्चों को फोर्टिफाइड पोषण सप्लीमेंट्स वितरित किए जाएंगे ताकि कुपोषण से लड़ाई को मजबूती मिले और बच्चों की स्वस्थ वृद्धि सुनिश्चित हो सके। अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए स्थानीय बोली में नुक्कड़ नाटक, विशेषज्ञों द्वारा वेबिनार और डिजिटल कैंपेन भी आयोजित किए जाएंगे।
अभियान पर टिप्पणी करते हुए नंद घर के सीईओ श्री शशि अरोड़ा ने कहा, “पोषण माह हमें याद दिलाता है कि भारत की प्रगति के लिए पोषण कितना महत्वपूर्ण है। नंद घर में हमारा संकल्प है कि हर ग्रामीण बच्चा और माँ सही पोषण और ज्ञान तक पहुँचे ताकि वे स्वस्थ भविष्य का निर्माण कर सकें। 15 राज्यों में समुदायों की भागीदारी के साथ हम जागरूकता को कार्रवाई में बदल रहे हैं और स्थायी प्रभाव उत्पन्न कर रहे हैं।”









