कोरबा | प्रदेश में संचालित प्राय: सभी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा समाप्त होने के बाद नये शिक्षा सत्र की पढ़ाई ऑनलाइन क्लास के माध्यम से फ़िर से शुरू हो गई है। कोरोना महामारी के इस दौर में जिले में संचालित कुछेक स्कूल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से परे हट, पूरी तरह से लापरवाह हो अपने हितों को साधने में लगे हुए हैं।
कोरोना महामारी के लगातार बढ़ रहे प्रभावी असर के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा लागू किए गए सख्त निर्देश के बावजूद जिले के कई स्कूल प्रबंधन कोरोना महामारी के इस दौर में भी शासन और प्रशासन के निर्देश और नियमों को ठेंगा दिखाते हुए अपने स्कूल कैंपस में ही छात्र – छात्राओं को पुस्तकें बेचने में लगे हुए हैं।
ऐसा ही एक मामला बालको के सेंट जेवियर्स पब्लिक स्कूल का सामने आया है। स्कूल प्रबंधन लॉकडाउन के दौरान अपने कैंपस में ही खुले तौर पर पुस्तकें बेच रहा है, जिसकी शिकायत कुछ पालकों/ अभिभावकों ने जिला प्रशासन से करते हुए शासकीय नियमों के तहत उचित कार्रवाई की मांग की थी।
मिली शिकायत के बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय द्वारा इस मामले की जांच के लिए एक टीम स्कूल भी भेजी गई। स्कूल पहुंची इस जांच टीम ने जेवियर्स स्कूल प्रबंधन को पुस्तकें बेचते हुए रंगे हाथों पकड़ा भी। मौके पर गई इस टीम ने बिक्री की गई पुस्तकों को जब्त कर अपने स्तर पर पंचनामा की यथोचित कार्यवाही भी की।
इस कार्रवाई के दौरान पालकों द्वारा की गई शिकायत की जांच करने गई शिक्षा विभाग की टीम को स्कूल प्रबंधन द्वारा न सिर्फ धमकी दी गई बल्कि लैब में बंद कर उन्हें बंधक बनाने की कोशिश भी की गई।
जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडेय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जब इसकी सूचना/ शिकायत पुलिस को दी, तब कहीं जाकर मामले का पटाक्षेप हुआ। बहरहाल, जिला शिक्षा अधिकारी श्री पांडेय ने बताया कि स्कूल प्रबंधन को स्कूल की मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी कर दिया गया है।