UP: लखीमपुर खीरी पहुंचे राहुल-प्रियंका, पलिया के बाद निघासन में पीड़ित परिवार से की मुलाकात

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सार्थक दुनिया न्यूज़, लखीमपुर-खीरी


विशेष | उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा बना हुआ है. विपक्ष में बैठे जितने भी सियैसी लड़ैया हैं, सभी में यहां पहुंचने की होड़ मची हुई है. इस कड़ी में बुधवार से राहुल गांधी ने सरकार के खिलाफ लखीमपुर खीरी के नाम पर रण शुरू कर दिया है, वहीं, प्रियंका गांधी पहले से ही मोर्चे पर डटी हैं. फिलहाल इजाजत के बाद राहुल-प्रियंका सीतापुर से लखीमपुर खीरी पहुंच चुके हैं. पलिया कलां में वो हिंसा में मारे गए मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की. पलिया में लवप्रीत के माता-पिता और दोनों बहनों से राहुल-प्रियंका ने बातचीत की और ढांढस बांधा. यहां से मिलने के बाद दोनों नेता निघासन में मृतक पत्रकार के परिवार से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए. मेरे संघर्ष का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने फिर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब तक इस मामले में गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?

बड़े सियासी भूचाल के संकेत थे
इससे पहले जो घटनाक्रम लखनऊ में चला वो बड़े सियासी भूचाल की ओर संकेत कर रहा था. राहुल गांधी दोपहर करीब 2 बजे दिल्ली से लखनऊ पहुंचे. तय कार्यक्रम के मुताबिक, राहुल लखनऊ एयरपोर्ट से सीतापुर जाते, जहां वो प्रियंका से मुलाकात करते. फिर वहां से प्रियंका-राहुल लखीमपुर के लिए निकलते, लेकिन इससे पहले ही एयरपोर्ट पर तनाव वाला माहौल बन गया.

धरने पर बैठ गए राहुल
राहुल गांधी को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया. उनके साथ पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी थे. मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि उनको अपनी गाड़ी से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है और वो एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए.

राहुल ने योगी सरकार पर निशाना साधा कि यह कैसी परमिशन है? दरअसल, फोर्स का कहना है कि लखीमपुर जाने के लिए प्रशासन ने जो एस्कोर्ट और रास्ता तय किया है उससे ही जाना होगा. लेकिन राहुल इस पर राजी नहीं थे.

राहुल ने कहा, ‘सरकार कुछ बदमाशी करना चाहती है, मुझे नहीं पता क्या लेकिन इनका कुछ प्लान है. ये मुझे कैदी की तरह पुलिस की गाड़ी में लेकर जाना चाहते हैं.’ नए विवाद की कहानी और ज्यादा उलझती जा रही थी. इस बिगड़ती हुई बात को बनाने के लिए प्रशासन ने कुछ नियमों (पांच से ज्यादा लोग एक साथ नहीं जा सकेंगे) के साथ उन्हें अपनी गाड़ी से जाने की इजाजत दे दी.

एयरपोर्ट पर विवाद दो बातों को लेकर था
मिली जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट पर विवाद दो बातों को लेकर था. प्रशासन ने बकायदा रूट और गाड़ियां तय की हुई थीं लेकिन राहुल ने उनसे जाने से इनकार कर दिया. इसके अलावा प्रशासन राहुल को एयरपोर्ट के दूसरे गेट से निकालना चाहता था. लेकिन राहुल ने कहा कि वह मेन गेट से ही जाएंगे. प्रशासन राहुल को सीधा लखीमपुर जाने को कह रहा था, लेकिन राहुल ने कहा कि वह पहले सीतापुर जाएंगे और वहां से प्रियंका के साथ ही लखीमपुर जाएंगे. बाद में प्रशासन ने राहुल की सारी बातें मान ली और उन्हें जाने की इजाजत मिल गई.
खैर, इस सियासी घमासान के बीच असली सवाल अब भी वही बना हुआ है कि लखीमपुर में लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है और उसकी गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई?


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