PSU कंपनियों के निजीकरण पर वेदांता के अनिल अग्रवाल की नजर, $20 अरब के निवेश की योजना

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दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल की कंपनी भारत में बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान कॉपर जैसी सरकारी कंपनियों के निजी करण की तरफ देख रही है।

हाइलाइट्स
• वेदांता भारत में 20 अरब डालर का निवेश करने के बारे में सोच रही है।
• बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान कॉपर जैसी सरकारी कंपनियों के निजी करण की तरफ देख रही है।
• मार्केट प्राइस के हिसाब से सरकार PSU के विनिवेश से 1,00,000 करोड डॉलर जुटा सकती है।

नई दिल्ली (सार्थक दुनिया न्यूज़) | वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि उनकी कंपनी भारत में 20 अरब डालर का निवेश करने के बारे में सोच रही हैं। दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल की कंपनी भारत में बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान कॉपर जैसी सरकारी कंपनियों के निजी करण की तरफ देख रही है। एक इंटरव्यू में अग्रवाल ने कहा कि विदेशी कंपनियों पर भारत में ब्लॉक मैन्युफैक्चरिंग का प्रेशर है और वह पर्यावरण एवं अन्य चिंताओं से जूझ रही है।
 वेदांता के अनिल अग्रवाल ने कहा कि किसी लोकतांत्रिक देश में सरकार कारोबार नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि भारत में पीएसयू कंपनियों का निजीकरण एक शानदार कदम है। अगर आज के मार्केट प्राइस के हिसाब से बात करें तो सरकार PSU के विनिवेश से 1,00,000 करोड डॉलर जुटा सकती है। अनिल अग्रवाल का मानना है कि सरकार सरकारी कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन कर सकती है, इससे 20 फ़ीसदी रकम मिलेगी जबकि बाकी हिस्सा कॉरपोरेटाइजेशन कर जुटाया जा सकता है।

PSU के विनिवेश का तरीका
PSU के कॉर्पोरेटाइजेशन में पब्लिक शेयर होल्डर आएंगे और किसी के पास भी कंपनी की 10 फ़ीसदी से अधिक हिस्सेदारी नहीं हो सकती। सरकारी कंपनियों को बेहतर तरीके से चलाने के लिए सरकार एक प्रोफेशनल बोर्ड बना सकती है, जो शानदार तरीके से काम कर सकता है। भारत में इन दिनों सरकार पीएसयू में विनिवेश की कोशिश कर रही है और बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान कॉपर जैसी कंपनियों में वे सरकारी हिस्सेदारी बिक्री पर नजर रखे हुए हैं।
 BPCL में नहीं होगी छंटनी
वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल ने कहा कि अगर बीपीसीएल उनके पास जाता है तो लोगों को काफी खुशी हो सकती है क्योंकि वह किसी को भी जॉब से निकाले निकालने नहीं जा रहे हैं। BPCL को केयर्न से फ्यूल सप्लाई से संबंधित शर्तों में बैकवार्ड इंटीग्रेशन किया जा सकता है। भारत सरकार को PSU कंपनियों को ‘जहां है जैसा है’ के आधार पर बेचना चाहिए। इससे विनिवेश की प्रक्रिया में तेजी आ पाएगी।
फंड की दिक्कत नहीं
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि इसी महीने सरकार पीएसयू के विनिवेश से संबंधित वित्तीय बोली जमा कराने के लिए कह सकती है और अगले दो-तीन महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।अनिल अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने $10 अरब का एक फंड फ्लोट किया है और इसे बहुत से निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। इसमें कई सॉवरेन वेल्थ फंड भी हैं जो भारत में पीएसयू के विनिवेश की प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहते हैं। इश्यु में हिस्सेदारी खरीदने के लिए वेदांता को फंड की कमी नहीं होगी।

 

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