सीएम भूपेश बघेल ने युवक को थप्पड़ मारने वाले सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा को हटाया

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छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने युवक को थप्पड़ मारने वाले सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा को तुरंत हटाने के निर्देश दिए हैं।



अंबिकापुर | सरेराह युवक का मोबाइल तोड़ थप्पड़ मारने और पुलिसकर्मियों से युवक की पिटाई करवाने वाले सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा के व्यवहार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरी नाराजगी जताई है। इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए वीडियो के बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने रणवीर शर्मा को वापस मंत्रालय बुला लिया है। उनके स्थान पर गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का नया कलेक्टर बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सूरजपुर कलेक्टर रणबीर शर्मा द्वारा एक नवयुवक से दुर्व्यवहार का मामला मेरे संज्ञान में आया है। यह बेहद दुखद और निंदनीय है। छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई कृत्य कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कलेक्टर रणबीर शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। किसी भी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। इस घटना से मैं क्षुब्ध हूं। मैं नवयुवक व उनके परिजनों से खेद व्यक्त करता हूं।

मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद छत्त्तीसगढ़ शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों की नवीन पदस्थापना आदेश जारी किया है। जिसके तहत रायपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर जिले का नया कलेक्टर पदस्थ किया गया हैं। वहीं, रणवीर शर्मा को कलेक्टर सूरजपुर से स्थानांतरित करते हुए तत्काल प्रभाव से मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थ किया गया है।

गौरतलब है कि सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा का शनिवार को एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी- कर्मचारियों के साथ सड़क पर उतरे थे। घरों से बेवजह निकलने वालों की कई जगह उठक बैठक कराई गई थी। वाहनों से निकले लोगों से जुर्माना भी वसूला गया था। कुछ जगहों पर घर से निकलने का ठोस कारण नहीं बताने वालों पर डंडे भी बरसाए गए थे।

इंटरनेट मीडिया पर देश के विभिन्न हिस्सों में घटित कुछ ऐसे ही घटनाक्रमों का वीडियो लगभग रोजाना वायरल हो रहा है। इन सबके बीच एक ऐसा ही वीडियो शनिवार को तेजी से वायरल हुआ जिसमें सूरजपुर कलेक्टर की दबंगई नजर आई थी। वीडियो में दिखता है कि कलेक्टर अपनी वाहन की ओर आगे बढ़ते हैं। उनके नजदीक मुंह में मास्क और आंखों पर चश्मा लगा एक युवक चलता हुआ दिखाई देता है। कलेक्टर अपनी वाहन की ओर बढ़ते हैं और उस युवक को दूर जाने का इशारा करते हैं। वाहन में बैठने से पहले अचानक कलेक्टर फिर युवक की ओर मुड़ते हैं और उसे नजदीक बुलाकर मोबाइल लेते हैं।

अचानक मोबाइल को जमीन पर पटकते हुए कलेक्टर उसे एक थप्पड़ मारते हैं फिर अधिकारियों के उस समूह की ओर इशारा कर बोलते हैं देखो, देखो यह रिकॉर्ड कर रहा है। इतना सुनते ही सुरक्षा गार्ड और एक पुलिसकर्मी तेजी से युवक की ओर बढ़ते हैं और उसे डंडे मारना शुरू कर देते हैं। युवक को मोबाइल उठाने का निर्देश दिया जाता है। जमीन से मोबाइल उठाते वक्त युवक यह बोलता है कि वह टेस्ट कराने गया था और यह कागज उसी की पर्ची है।

युवक के इतना कहते ही कलेक्टर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देते हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद इंटरनेट मीडिया पर कलेक्टर रणवीर शर्मा के व्यवहार की जमकर आलोचना की जा रही थी। आरोपों से घिरे कलेक्टर ने देर रात एक व्हाट्सएप ग्रुप पर सार्वजनिक रूप से इस कृत्य के लिए माफी मांगी थी, उन्होंने वीडियो संदेश भी जारी किया था।

आइएएस एसोसिएशन ने भी की निंदा


इधर, आईएएस एसोसिएशन ने भी सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा के व्यवहार की निंदा की है। आईएएस एसोसिएशन ने कहां है कि सेवा और सामाजिकता के मूल सिद्धांतों के विपरीत कलेक्टर के इस व्यवहार को स्वीकार नहीं किया जा सकता। एक अधिकारी का आचरण समाज के प्रति सदव्यवहार और जनता से जुड़ा वाला होना चाहिए। इसका महत्व तब और बढ़ जाता है जब हम कोरोना जैसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं।

विवादों में रहे हैं आइएएस रणवीर शर्मा

आईएएस रणवीर शर्मा पूर्व में भी प्रशिक्षु बतौर भानूप्रतापपुर में एसडीएम के रूप में पदस्थ रहने के दौरान विवाद में रहे हैं। उस दौरान भी एक पटवारी से दस हजार रुपये रिश्वत लेने का मामला सामने आया था। उस दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने कार्यवाही की थी लेकिन सीधे तौर पर आईएएस इसमें नहीं फंसे थे।एसडीएम कार्यालय के एक लिपिक पर आरोप मढ़ा गया था। इस घटना के बाद तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा आईएएस रणवीर शर्मा को मंत्रालय बुला लिया गया था। सूरजपुर में कलेक्टर के रूप में पदस्थ रहने के पूर्व वे बलरामपुर जिला पंचायत के सीईओ के पद पर भी पदस्थ थे। वहां पदस्थ रहने के दौरान भी पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में लगातार गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही थी।

 

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