छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी की रेड, हिरासत में चैतन्य बघेल

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विशेष संवाददाता, सार्थक दुनिया न्यूज, भिलाई 

भिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर ईडी की दबिश से एक बार फिर छत्तीसगढ़ की सियासत गरमा गई है. भूपेश बघेल के भिलाई 3 स्थित निवास में ईडी की टीम सुबह सुबह ही पहुंच गई. ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को हिरासत में लिया है.


भिलाई में ईडी की रेड, रायपुर में हलचल
छत्तीसगढ़ में विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन की कार्यवाही से पहले ईडी की दबिश से छत्तीसगढ़ की सियासी हलचल तेज हो गई है. शुक्रवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित पदुम नगर आवास पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि शराब घोटाले से जुड़े मामलों को लेकर यह दबिश दी गई है.
ईडी और जांच एजेंसियों पर भूपेश बघेल ने उठाए थे सवाल
इसी सप्ताह विधानसभा के मानसून सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी, ईओडब्ल्यू और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. बघेल ने कहा था कि इन एजेंसियों का प्रयोग विपक्षी दलों को दबाने के लिए किया जा रहा है. छापेमारी के दौरान मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने तीखा बयान दिया.
जन्मदिन के दिन ईडी ने लिया एक्शन
भूपेश बघेल ने कहा कि आज मेरे बेटे का जन्मदिन है. पिछले साल 2023 में मेरे जन्मदिन पर ईडी ने मेरे घर पर छापा मारा था. आज जब विधानसभा में अडानी का मुद्दा उठाना था, उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने मुझे रोकने के लिए ईडी भेज दी.

“हम झुकेंगे नहीं”: भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि वे डरने या झुकने वाले नहीं हैं. उन्होंने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.

कांग्रेस ने बोला तीखा हमला
 वहीं भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव और पूर्व शहर विधायक ने कहा कि बीजेपी के द्वारा भूपेश बघेल को दबाने के लिए यह कार्यवाही की गई है. भूपेश बघेल विधानसभा में अडाणी का मुद्दा उठाने वाले थे, उससे पहले भाजपा के द्वारा उनके घर ईडी को भेज दिया है. हम डरने वाले नहीं हैं.

“शराब घोटाले में अब तक क्या-क्या हुआ?
7 जुलाई को आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने शराब घोटाले में चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें घोटाले की अनुमानित राशि को 2,161 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया गया. यह चार्जशीट 30 जून को दाखिल की गई थी.”
“इस केस में अब तक कुल पांच चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं, जिनमें से तीन पहले दाखिल की जा चुकी थीं. इस घोटाले में 29 आबकारी अधिकारियों (जिला अधिकारी, सहायक आयुक्त, उप आयुक्त) को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कुछ सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं.”

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