10 वर्षीय लड़की को मिली नई जिंदगी, 5 घंटे चले ऑपरेशन के बाद कोमा से आई बाहर

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कोरबा, (सार्थक दुनिया न्यूज़) | दस साल की एक लड़की के सिर पर लगी चोट से हड्डी का कुछ टुकड़ा टूट कर अंदर फंसा हुआ था। कोसाबाड़ी स्थित न्यू कोरबा हॉस्पिटल के डॉक्टरों के अनुसार इस लड़की के सिर पर कोई भारी भरकम चोट लगने से वहां की हड्डी टूट गई थी जिसका सफल ऑपरेशन कर उसे बाहर निकाला गया। अब वह अन्य बच्चों की तरह अपना सामान्य जीवन जी रही है।
कटघोरा सुतर्रा के ग्राम कापूबहरा  में राजेश्वर पटेल अपने परिवार के साथ निवासरत है। परिवार में उसकी पत्नी के अलावा उसकी 10 वर्षीय बच्ची नविया कुमारी भी है। राजेश्वर कुछ दिनों पहले हरदीबाजार के ग्राम रेकी में अपने एक रिश्तेदार के यहां परिवार सहित शादी कार्यक्रम में शामिल होने गया था। शादी के दिन आए तेज आंधी तूफ़ान के कारण टेंट के साथ रखे कई सामान हवा में उछल गए। इस दौरान उसकी पुत्री नविया के सिर पर कुछ भारी सामान गिरने से गहरी चोट लगी और वह बेहोश हो गई। परिजन उसे उसी हालत में न्यू कोरबा हॉस्पिटल ले आए। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे आईसीयू में रखा गया। सिर का सिटी स्कैन करने पर मालूम हुआ कि दाईं तरफ की हड्डी टूट कर अंदर की ओर फंसी हुई है। रिपोर्ट देखकर चिंतित परिवारजनों ने उस समय राहत की सांस ली जब न्यूरोसर्जन डॉ. डी.एच. मित्तल ने सिर का सफल ऑपरेशन हो जाने की बात कही।
उन्होंने एनेस्थेटिस्ट डॉ. रोहित मजुमदार और डॉ. पूजा कुंडु सहित देवेंद्र मिश्रा की टीम के साथ 5 घंटे तक ऑपरेशन किया, जो पूर्णत: सफल रहा। वह धीरे-धीरे कोमा से बाहर आ गई। बाद में, फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. यशा मित्तल व डॉ. अमन श्रीवास्तव के प्रयास से लड़की को चलाया-फिराया भी गया। अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और वह स्वस्थ है। नविया के परिजनों ने डॉ. मित्तल सहित उनकी टीम के प्रति आभार जताया है।

 ब्रेन में लगे हर तरह के चोट व ट्यूमर का इलाज एनकेएच में है उपलब्ध 
अस्पताल के न्यूरोसर्जन डॉ. डी.एच. मित्तल ने बताया कि यह अस्पताल अत्याधुनिक संसाधनों से सुसज्जित है जहां ब्रेन में लगे हर तरह के चोट व ट्यूमर का इलाज हो रहा है। अब तक यहां अनेक ऑपरेशन हो चुके हैं। ब्रेन ट्यूमर के मरीजों का इलाज दवाई से नहीं होता। इसका एकमात्र इलाज सर्जरी कर ट्यूमर को निकाल कर किया जाता है। जितनी जल्दी ऑपरेशन हो जाए, उसका उतना ही अच्छा रिजल्ट भी मिलता है।

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