• MDMA वही खतरनाक ड्रग है जिसका संबंध फिल्म एक्टर सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती के साथ जुड़ा हुआ है.
• नारकोटिक्स सेल और चकरभाटा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में ड्रग पैडलर गिरफ्तार.
• मौली के साथ पकडाया भूगोल का मैनेजर.
✓ बिलासपुर से राज गोस्वामी की रिपोर्ट
बिलासपुर | विगत दिनों मुखबिर से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर चकरभाटा पुलिस एवं नारकोटिक्स सेल ने बिलासपुर – रायपुर हाइवे पर बजरंग पेट्रोल पम्प के पास एक संदिग्ध व्यक्ति को अवैध मादक पदार्थ MDMA या मौली के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी ने अपना नाम योगेश द्विवेदी उर्फ राम पिता निलेश द्विवेदी उम्र 23 वर्ष तिफरा निवासी होना बताया। पुलिस ने बताया कि वह भूगोल क्लब बिलासपुर में मैनेजर का काम करता है। साक्ष्य के समक्ष आरोपी की तलाशी में उसके पास छुपाकर रखी गई चार प्लास्टिक की जिपर पाउच में भारत में पूर्णतः प्रतिबंधित ड्रग Ecstasy /MDMA उर्फ मौली कुल वजन चार ग्राम, नगदी 2500 रुपये जब्त की गई। जब्तशुदा मादक पदार्थ की अनुमानित कीमत 42500 बताई गई है। उक्त मादक पदार्थ में मिथाइल एनीडियोक्सी मेथामफेटामाइन का होना पाया गया है, जिसे आमतौर पर एक्स्टसी या मौली के नाम से जाना जाता है।
मौली एक मनो-सक्रिय दवा है जो मुख्य रूप से अति उत्तेजना या मनोरंजक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाती है। इसके सेवन से संवेदनाएं बढ़ना, ऊर्जा बढ़ना, सहानुभूति और आनंद बढ़ना शामिल है।
पुलिस आरोपी सहित अन्य संदिग्ध व्यक्तियों से इस मादक पदार्थ के बारे में जानकारी एकत्र कर रही है। यह कहा से लाया गया, इसे खरीदने और उपयोग करने वाले कौन कौन हैं। इस बड़ी कार्यवाही में ACCU प्रभारी निरीक्षक हरविंदर सिंह, थाना प्रभारी चकरभाठा मनोज नायक, सिरगिट्टी थाना प्रभारी सागर पाठक, उप निरीक्षक प्रसाद सिन्हा, आरक्षक हेमन्त सिंह, प्रधान आरक्षक सिद्धार्थ पाण्डेय, प्र आ प्रवीण पाण्डेय, गौकरण सिन्हा, राजेश सिंह, आकाश मनहर आदि शामिल थे।
ज्ञातव्य हो कि MDMA वही मादक ड्रग है जिसका संबंध फिल्म ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत और रिया चक्रवर्ती से जुड़ा हुआ है। ऐसे खतरनाक ड्रग का बिलासपुर में पाया जाना बिलासपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के भविष्य के लिए बेहद घातक है। मिली जानकारी के अनुसार इसका प्रयोग हाईप्रोफाईल पार्टियों में किया जाता है।
नगर सहित आस-पास लगातार बढ़ती जा रही नशाखोरी की लत और अपराध ने पुलिस की नाक में दम कर रखा है। सशक्त पुलिसिंग और लगातार धरपकड़ के बावजूद अपराध का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। युवाओं का इसकी गिरफ्त में आना चिंतन का विषय है। अब तो यह आलम है कि नशे का यह कारोबार आर्गनाईज्ड क्राईम का विभत्स रूप ले चुका है। साल के प्रारंभिक माह में नशे के सौदागरों ने एक युवक की दिनदहाडे़ सार्वजनिक स्थल पर सामूहिक हत्या कर दी थी, जबकि उस दिन हत्या स्थल से चंद दूरी पर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने के कारण यह शहर हाई एलर्ट पर था।
नशाखोरी जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अब गहन चिंतन और मनन की अत्यंत आवश्यकता है। इसकी गंभीरता को समझते हुए सरकार और प्रशासन द्वारा निरंतर आवश्यक प्रयास किये जाने चाहिए।