स्पीकर डॉ. महंत ने विस में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद कर परंपराओं को निभाया, अनुयायी व प्रेरणा श्रोत बताने वाले रहे नदारद !

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रायपुर, सार्थक दुनिया न्यूज़ |

छत्तीसगढ़ विधानसभा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित सचिवालय के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में उपस्थित रह उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। विस अध्यक्ष डॉ. महंत ने परंपरा को निभाते हुए अपने उदारवादी स्वभाव के तहत विधानसभा के सेंट्रल हॉल में महान नेताओं को समय-समय पर स्मरण करने की परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें भी याद किया।


आयोजित कार्यक्रम से खुद को डॉ. मुखर्जी का अनुयायी बताने वाले भाजपा विधायक व नेतागण अपनी दूरी बनाए रहे। जानकारी के अनुसार नेता प्रतिपक्ष के अलावा दिग्गजों को उक्त कार्यक्रम हेतु आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में कवर्धा विधायक पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सहित विपक्ष के किसी भी नेता ने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने अपने उदारवादी स्वभाव के तहत श्रद्धांजलि अर्पित कर इस मौके पर कहा कि डॉक्टर मुखर्जी बड़े शिक्षाविद् थे। बंगाल प्रांत के वे वित्त मंत्री भी रहे। पंडित नेहरू के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया। आज पूरा देश उन्हें उनकी जयंती पर नमन कर रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा भी आज उन्हें नमन करने के लिए ही उपस्थित हुआ है।
आपको बता दें कि 5 जुलाई 2018 को तत्कालीन राज्यपाल महामहिम बलराम दास टंडन ने तब के विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आतिथ्य में विधानसभा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा (छायाचित्र) का अनावरण किया था। तब से विधानसभा में डॉ. मुखर्जी को उनकी जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का कार्यक्रम होता रहा है। विधानसभा अध्यक्ष इस परंपरा को निभाते रहे हैं और पक्ष-विपक्ष के मंत्री-विधायक, नेतागण भी शामिल होते रहे हैं।
विधानसभा के गलियारे से लेकर राजधानी तक में यह चर्चा सरगर्म है कि डॉ. मुखर्जी को भाजपा के नेता अपना प्रेरणास्त्रोत मानते आए हैं और उनके पद चिन्हों पर चलने की बात करते हैं। बलिदान दिवस के तौर पर वे कार्यक्रमों का आयोजन भले ही कर रहे हों लेकिन आज जब विधानसभा में डॉ. मुखर्जी को पुष्पांजलि देने का कार्यक्रम आयोजित किया गया तब भाजपा के ही नेता इससे दूरी बनाए हुए हैं। आखिर इसकी वजह क्या है, क्या ‘पुष्पांजलि’ जैसे कार्यक्रम में भी राजनीति ‘हावी’ है या बात कुछ और है…?

 

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