by लक्की गहलोत, सार्थक दुनिया न्यूज़
रायगढ़ | शारदीय नवरात्रि पर्व के प्रथम दिवस आज गुरुवार को शहर के मंदिरों में देवी शैलपुत्री की आराधना की गई. मां दुर्गा के प्रथम अवतार शैल पुत्री की पूजा के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. लोगों ने व्रत रखकर मां की पूजन-अर्चना की. नवरात्र पर नगर के प्रमुख मंदिरों को न केवल काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया है बल्कि मंदिर समितियों द्वारा जिला प्रशासन द्वारा लागू किए गए कोरोना गाइडलाइन का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
नवरात्र के अवसर पर भक्तों ने पूजा के लिए अपने स्तर पर काफी तैयारियां की हैं. शायद यही वजह है कि पहले ही दिन पूजन-अर्चना करने वाले भक्तों में अपूर्व उत्साह देखने को मिला. पहले ही दिन खासतौर पर बूढ़ी माता मंदिर और दुर्गा मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती देखी गई. सर्वविदित है कि नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की पहली अवतार रहीं शैल पुत्री की पूजा की जाती है. माता शैलपुत्री को प्रकृति की देवी माना जाता है. देवी का यही स्वरूप भक्तों को पर्यावरण संतुलन की ओर प्रेरित करता है. मान्यता के अनुसार देवी का प्रथम अवतार सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक विचारों को प्रभावित करता है.
माना जाता है कि मां दुर्गा की अंतर्मन से आराधना करने पर मनुष्य के सभी वैचारिक विकार दूर हो जाते हैं. शास्त्रों, पुराणों के मुताबिक हिमालय की पुत्री होने के कारण ही मां दुर्गा के पहले अवतार का नाम शैलपुत्री पड़ा. प्रकृति के भावों को स्पष्ट करने के लिए ही देवी के प्रथम स्वरूप के रूप में मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है. यह भी मान्यता है कि शैलपुत्री की आराधना अकेले ही नहीं बल्कि भगवान शिव के साथ की जानी चाहिए. इन्हीं मान्यताओं के कारण ही शहर के तमाम श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर शैल पुत्री की पूजा अर्चना करते हुए आशीर्वाद सहित सुख समृद्धि की कामना की है.
नवरात्र के शुभ अवसर पर नगर के प्रसिद्ध मंदिर बूढ़ी माता मंदिर, दुर्गा मंदिर, सती गुड़ी चौक की सती मंदिर सहित मां बंजारी मंदिर में आज दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालुजन कतारबद्ध हो इलायची, नारियल एवं अन्य पूजा सामग्री सहित मिष्ठान चढ़ाकर दर्शन- पूजन करते देखे गए. खासतौर पर ऐसा दृश्य नगर की बूढ़ी माता मंदिर में देखने को मिली.









