कोरबा। शहर में कुछ मीटर की सड़क मरम्मत कार्य का लोगों को वर्षों से इंतजार है। सीमांकन के विवाद में उलझे इस सड़क से गुजरना लोगों के लिए तकलीफदेह साबित हो रहा है। नगर निगम और राजस्व विभाग के बीच दो पाटों में फंसे सैकड़ों लोग हर रोज हलाकान होकर व्यवस्था को कोस रहे हैं।
नगर पालिक निगम और राजस्व अमले की उदासीनता सैकड़ों लोगो के लिए परेशानी का सबब बन गई है। कोसाबाड़ी से मंगलमय विहार कॉलोनी तक के लिए कुछ दिनों पहले इस सड़क निर्माण की कवायद शुरू की गई थी लेकिन इसी बीच सड़क निर्माण की भूमि को विवादित बताकर काम को रोक दिया गया। इस कॉलोनी से लगी हुई भूमि पर ही कोरबा के दो बड़े निजी अस्पताल, मेडिकल स्टोर और ब्लड बैंक स्थित है जहां रोजाना सैकड़ों मरीज व उनके परिजन आते-जाते हैं।
इस संबंध में नगर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई की माने तो राजस्व विभाग में सीमांकन अभी लंबित है, जिसकी पूर्णता के बाद सड़क निर्माण का कार्य पूरा करा लिया जाएगा। जबकि अस्पताल संचालकों की माने तो अस्पताल आने वाले मरीजों को ध्यान में रखकर निजी मद से सड़क का अस्थायी निर्माण कई बार कराया गया है, लेकिन कच्चा होने के कारण कुछ समय के बाद सड़क जीर्ण-शीर्ण हो जाती है। यहां पेचीदगी यह भी है कि सार्वजनिक सड़क पर पक्का निर्माण निजी रूप से नहीं कराया जा सकता, इसलिए निगम से इस बाबत लिखित निवेदन भी किया गया है।
टैक्स देने के बावजूद नागरिक सुविधा नहीं
कोसाबाड़ी से मंगलमय विहार कॉलोनी के लिए पक्की सड़क की सुविधा नहीं होने से स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि वह नगर निगम का खजाना अपनी मेहनत की कमाई से टैक्स के रूप में भर रहे हैं। निगम का भी दायित्व है कि कॉलोनी के लोगों को मूलभूत समस्या के तहत पक्की सड़क उपलब्ध कराए, लेकिन नगर निगम और प्रशासन एक पक्की सड़क तक उन्हें उपलब्ध नहीं कर पा रहा है। बारिश के दिनों में मंगलम विहार कॉलोनी के लोगों की समस्या और बढ़ेगी। गड्ढों में बारिश का पानी भरा रहेगा और कीचड़ से पूरा मार्ग सराबोर होगा। खास बात यह है कि मार्ग पर प्रकाश व्यवस्था का भी अभाव है। अंधेरे के कारण रात में हादसे होने का खतरा बना रहता है। दूसरी ओर अव्यवस्था के कारण लोगों के घरों में जहरीले जीव जंतुओं के घुसने का भी खतरा बना हुआ है।