भोपाल: घर में अब नहीं खोल सकेंगे दुकान, खोली तो देना होगा दोगुना प्रॉपर्टी टैक्स

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भोपाल, सार्थक दुनिया न्यूज़


दरअसल, निगम के पास आवासीय क्षेत्र या अन्य जगहों पर व्यावसायिक लाइसेंस न देने का कोई नियम नहीं है। इस वजह से आवासीय क्षेत्रों में दुकानें खुल जाती हैं। साथ ही कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए बिल्डिंग परमिशन के विपरीत निर्माण भी होता है। इस पर रोक लगाने के लिए ही नियम बनाया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, चूंकि कई सालों से लाइसेंस फीस को बढ़ाया नहीं गया है, इसलिए नियम के साथ ही इसमें इजाफा किया जाएगा। इसमें बिल्डर्स, ज्वेलर्स, ऑटोमोबाइल शोरूम और कारखाने के लिए फीस अलग-अलग तय होगी।
एक लाख लोगों के पास हैं लाइसेंस : निगम के मुताबिक अभी शहर में करीब एक लाख लोगों ने व्यवसायिक लाइसेंस लिए हैं। इनसे निगम 36 रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक फीस वसूलता है, लेकिन निगम की साल भर में कुल वसूली महज 40 लाख रुपए ही है।

इन पर लागू होता है लाइसेंस
निगम सीमा में कारोबारी उद्देश्य से उत्पादन करने वाले प्रतिष्ठान, थोक व्यापारी और फुटकर व्यापारी तीनों को ही लाइसेंस लेना होता है। इसी हिसाब से निगम ने लाइसेंस फीस की तीन श्रेणी बनाई हुई, जिसमें 282 प्रकार के व्यवसाय का उल्लेख है।

अभी यह है व्यवस्था
अभी नगर पालिक एक्ट 1956 की धारा 366 के तहत निगम सीमा में 282 कैटेगरी में व्यवसायी या निर्माता को निगम से लाइसेंस लेना होता है। इसके लिए निगम के पास नियम नहीं है। लिहाजा, यदि कोई व्यक्ति लाइसेंस न भी ले तो उस पर कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। निगम अपने स्थाई आदेश के तहत लाइसेंस फीस का 15 फीसदी सरचार्ज लेकर लाइसेंस बना देता है।

कोशिश है ज्यादा से ज्यादा संपत्तिया टैक्स के दायरे में हों
नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए हमारी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा संपत्तियों को टैक्स के दायरे में लाया जाए। रहवासी इलाकों में जहां भी व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, उनसे व्यावसायिक टैक्स वसूला जाएगा। – वीएस चौधरी कोलसानी, युक्त : नगर निगम

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