बालकोनगर, (सार्थक दुनिया न्यूज) । वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ‘क्वालिटी संकल्प’ नामक एक गुणवत्ता परिवर्तन पहल की शुरुआत की है। यह कंपनी की ‘शून्य दोष’ प्राप्त करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और विविध उत्पाद श्रेणियों में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मासिक आयोजन में 300 से अधिक कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों ने भाग लिया, जिससे संयंत्र में गुणवत्ता के प्रति साझी जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा मिला।
बालको में गुणवत्ता हर उत्पादन चरण का अभिन्न और अनिवार्य हिस्सा है। कच्चे माल के चयन से लेकर अंतिम उत्पाद निरीक्षण तक सभी चरणों में गुणवत्ता जांच की जाती है। कोक, पिच, एल्युमिना और एल्यूमिनियम फ्लोराइड जैसे कच्चे माल की रासायनिक और भौतिक मापदंडों, कार्बन और सल्फर की मात्रा एवं कण आकार की सूक्ष्मता से जांच की जाती है ताकि स्मेल्टिंग प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाई जा सके।
पॉटलाइन में धातु पिघलाने की प्रक्रिया के दौरान क्रायोलाइट अनुपात को नियंत्रित किया जाता है जिससे इलेक्ट्रोलिसिस की प्रभावशीलता बढ़े। उसके बाद उत्पन्न पिघले हुए एल्यूमिनियम की शुद्धता जांच की जाती है और फिर उसे कास्ट किया जाता है। कास्टिंग के बाद मिश्र धातु तत्वों के समान वितरण के उपरांत धातु की संरचनात्मक जांच की जाती है। इन सभी चरण पर की गई गुणवत्ता जांच न केवल उत्पाद की विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है, बल्कि पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार और सस्टेनेबलव संचालन में भी योगदान देती है।
‘क्वालिटी संकल्प’ को ‘स्टैंडर्ड वर्क = क्वालिटी वर्क’ की थीम के अंतर्गत शुरू की गई है, जो यह दर्शाता है कि मानकीकृत प्रक्रियाएं ही उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने की कुंजी होती हैं। यह मासिक पहल व्यक्तिगत स्तर पर व्यवहारिक बदलाव को बढ़ावा देकर, संगठन भर में गुणवत्ता से जुड़े कार्यों की शिक्षा, निगरानी और सुदृढ़ीकरण को बढ़ावा देती है। इससे बालको को धातु उद्योग में एक उच्च गुणवत्ता वाला एल्युमिनियम निर्माता बनने में मदद मिलेगी।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा कि कंपनी में गुणवत्ता केवल एक लक्ष्य नहीं है, यह हमारा कार्य करने का तरीका है। हम अपने एल्यूमिनियम उत्पादन में गुणवत्ता को सर्वोपरि रखते हैं, और ‘क्वालिटी संकल्प’ जैसे पहल के माध्यम से हम एक ऐसी संस्कृति को विकसित कर रहे हैं जो व्यक्तिगत उत्तरदायित्व, व्यवहारिक परिवर्तन और सतत सुधार को बढ़ावा देती है। यह परिवर्तन हमें निरंतर और सस्टेनेबल उत्कृष्टता प्रदान करने के लिए सक्षम बनाएगा।