प्रदेश के उर्जावान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का प्रयास अनुकरणीय, कोरबा मेडिकल कॉलेज को मिली शासकीय मान्यता …. लोगों में हर्ष

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नव परिकल्पना को धरातल पर लाने श्री अग्रवाल हर स्तर पर सदैव रहे प्रयत्नशील
कोरबा को मिले मेडिकल कॉलेज की सौगात पर प्रेस क्लब ने राजस्व मंत्री का किया स्वागत 

विशेष गाथा : सार्थक दुनिया, कोरबा 

कोरबा | प्रदेश के उर्जावान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के सतत् संघर्ष और निरंतर किए गए अतुलनीय और अनुकरणीय प्रयास के बल पर प्रदेश के औद्योगिक जिले कोरबा को उसका मेडिकल कॉलेज मिल गया। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने कोरबा मेडिकल कॉलेज को बहुप्रतीक्षित मान्यता भी प्रदान कर दी है। क्षेत्र की जनता को एक लंबे अर्से से इस सुखद घड़ी का इंतजार था, जो आल्हादकारी अनुभूति के साथ अब जाकर पूरा हुआ।


छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के इस आशय के आग्रह को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने एक सार्वजनिक मंच से कोरबा जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद इस परिकल्पना को धरातल पर लाने के लिए श्री अग्रवाल अपने स्तर पर लगातार जीवंत रूप से प्रयासरत रहे। इस दौरान उन्होंने ‘लाइफ़ लाइन एक्सप्रेस’ सहित अन्य दूसरे मंच से भी अपनी यह प्रासंगिक मांग प्राथमिकता के साथ दोहराई।

यही नहीं, कुछ समय पहले एक विशिष्ट कार्यक्रम में शामिल होने कोरबा दौरे पर आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष भी उन्होंने खुले मंच से अपनी यह मांग रखी। इसी क्रम में, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा मेडिकल कॉलेज की शासकीय मान्यता को लेकर सामने आ रही कुछ तकनीकी अड़चन के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से सौजन्य मुलाकात के दौरान उसे यथाशीघ्र निराकृत करने का भी आग्रह किया। राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल द्वारा किए गए इन सतत् प्रयासों का सुखद परिणाम शासकीय मान्यता के रूप में लोगों के सामने है। इस स्थिति में, कोरबा सहित समीपवर्ती अन्य दूसरे जिलों के प्रतिभावान छात्र अब अपने ही क्षेत्र में रहकर चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई पूरी तल्लीनता से कर सकेंगे।

प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल बेबाकी से कहते हैं– “दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कोरबा जिले का सर्वांगीण विकास करने का उनका संकल्प अब पूरी तरह से साकार होता दिख रहा है। कोरबा जिले के लोगों ने हमें अपना भरपूर स्नेह और विश्वास दिया है, जिसके बल पर उन्होंने जिले में सफ़ल रही तमाम बड़ी योजनाओं के साथ कोरबा मेडिकल कॉलेज के वर्षों पुराने सपने को प्रत्यक्ष रूप से साकार होते हुए देखा है।”

गौरतलब है कि वर्ष 2020, फरवरी में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में प्रस्तावित राज्य के इस 9वें मेडिकल कॉलेज को दिल्ली से स्वीकृति प्रदान की गई थी। राज्य शासन द्वारा भेजे गए ड्राफ्ट पर केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद अधोसंरचना सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की पूर्ति सुनिश्चित करते हुए मेडिकल कॉलेज काउंसिल (नेशनल मेडिकल कॉलेज) नई दिल्ली की टीम ने प्रस्तावित कोरबा मेडिकल कॉलेज का दौरा भी किया। इस बीच, प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने ‘लाइफ़ लाइन एक्सप्रेस’ के आयोजित एक कार्यक्रम में बड़ी बेबाकी से स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के समक्ष मेडिकल कॉलेज, कोरबा में अनिवार्य रूप से खोले जाने की गुजारिश की थी। श्री सिंहदेव ने उन्हें उस वक्त यह आश्वासन भी दिया कि – “प्रदेश में आगे जब कभी भी नया मेडिकल कॉलेज खुलेगा, कोरबा का नाम सबसे ऊपर रहेगा।”

इसके बाद राज्य सरकार की ओर से कोरबा में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की प्रारंभिक तैयारियां तेज़ कर दी गई थीं। जानकारी के मुताबिक चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (डीएमई) स्तर पर तैयार आवश्यक ड्राफ्ट प्रथमत: मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसे अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार के पास भेज दिया गया। केन्द्र से मिली स्वीकृति के बाद जिले में कोरबा मेडिकल कॉलेज को प्रदेश के 9वें मेडिकल कॉलेज के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई।

आपको बता दें कि कोरबा जिले की इस गौरवशाली उपलब्धि के लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत व कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत ने भी अपने स्तर पर इसके लिए समुचित प्रयास किया है।

मेडिकल कॉलेज के लिए जिला खनिज फाउंडेशन से 350 करोड़ का प्रस्ताव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोरबा मेडिकल कॉलेज की स्थापना व संचालन के लिए जिला प्रशासन ने जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) से 350 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया था। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए ‘इंदिरा गांधी सौ शैय्या चिकित्सालय’ के 120 बिस्तरों के साथ ऊपरी तल पर अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कर बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है। इसके साथ ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से निर्मित ट्रामा सेंटर के 50 बिस्तर को भी इसमें समाहित करते हुए चिकित्सालय में मौजूदा स्तर पर 350 बिस्तरों की उपलब्धता दर्शाई गई है। इसके अतिरिक्त मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी, गहन चिकित्सा, जांच एवं अत्याधुनिक अपकरणों की सुविधा में आवश्यक बढ़ोतरी करते हुए मरीजों की जरूरत के अनुसार इसे अपग्रेड भी किया गया है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) के द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप तकनीकी आवश्यकताओं के मद्देनजर पूर्णता के आधार पर ही ‘कोरबा मेडिकल कॉलेज’ की मान्यता हासिल की गई है।

 

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