रायपुर, (सार्थक दुनिया न्यूज)। छत्तीसगढ़ जनसंपर्क अधिकारी संघ के अध्यक्ष बालमुकुंद तंबोली ने नवा रायपुर अटल नगर स्थित छत्तीसगढ़ संवाद कार्यालय में घुसकर वरिष्ठ अधिकारी श्री तिवारी के साथ की गई अभद्रता, गाली-गलौज, झूमा-झटकी, तोड़-फोड़ और उन्हें दी गई धमकी की कड़ी निंदा की है। घटित इस घटना में विभागीय अपर संचालक संजीव तिवारी को निशाना बनाया गया था। विभाग के वरिष्ठ और सरल-सज्जन अधिकारी के उपर हुए इस हमले को प्रेस जगत ने भी निंदनीय बताया। संघ के अध्यक्ष श्री तंबोली ने इस घटना को केवल एक अधिकारी पर किया गया हमला नहीं, बल्कि पूरे जनसंपर्क विभाग की संस्थागत गरिमा पर सीधा आघात करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों का शासकीय कार्यालय में एक साथ घुसना, वरिष्ठ अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार करना, सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त करना और खुलेआम धमकी देना योजनाबद्ध तरीके से सोची-समझी साजिश का स्पष्ट संकेत है। इस मामले में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि आरोपी पत्रकार ब्लैकमेलिंग मामले में जेल की हवा खा चुका है।
पूरे प्रशासनिक तंत्र और शासन के जनकल्याणकारी कार्यों पर हमला संघ के अध्यक्ष श्री तंबोली ने कहा कि यह घटना केवल व्यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रशासनिक तंत्र और शासन के जनकल्याणकारी कार्यों पर हमला है। जनसंपर्क विभाग समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक शासन की योजनाओं को पहुँचाने का कार्य करता है और सभी अधिकारी पूरी निष्ठा के साथ इस कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता की आड़ में गुंडागर्दी करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई आवश्यक है। तंबोली ने दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किए गए अपराध की उच्च स्तरीय जांच कर संबंधित व्यक्तियों को दंडित करने की मांग की है।
तंबोली ने कहा कि यदि दोषियों के खिलाफ शीघ्र और ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो जनसंपर्क विभाग के अधिकारी और कर्मचारी राज्यव्यापी विरोध आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा, “हम केवल अपने अधिकार और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।” इस घटना ने राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों में सुरक्षा और कार्यक्षमता को लेकर चिंता बढ़ा दी है। संघ ने इसे न सिर्फ विभागीय समस्या बल्कि शासन और प्रशासन की गरिमा पर हमला बताया है।
तंबोली ने यह भी कहा कि जनसंपर्क विभाग न सिर्फ शासन की योजनाओं को जनता तक पहुँचाता है, बल्कि पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के हित में भी कार्य करता है। ऐसे में इस प्रकार की घटनाएँ विभाग की कार्यक्षमता और अधिकारियों की प्रतिबद्धता को कमजोर करने का काम करता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शासकीय कार्यालय में घटित इस दुस्साहस पूर्ण आपराधिक मामले में छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग के पीड़ित शासकीय कर्मचारी/ अधिकारी के बयान और भवन परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे के आधार पर इस घटनाक्रम में शामिल आरोपियों के विरुद्ध राखी, जिला – रायपुर थाना में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 223 के तहत धारा 324 (4), 221, 132, 296, 351(2), 3(5) और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 के तहत 3(2) अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।