छत्तीसगढ़ में 30 हजार स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर: ​​​​​​​रायगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीजों को अस्पताल से छुट्‌टी

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संवाददाता | सार्थक दुनिया न्यूज़, रायपुर

रायपुर | छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। रायगढ़ में तो मरीजों को अस्पताल से छुट्‌टी तक दे दी गई। यहां इमरजेंसी सेवाएं तक बंद हैं। कुछ ऐसे ही हालात बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिले में भी हैं। हालांकि यहां इमरजेंसी सेवाएं चालू हैं।

प्रदेश में करीब 30 हजार स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। यह कर्मचारी मंहगाई भत्ता एरियर्स, गृह भाड़ा भत्ता को सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित करने सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हड़ताल का आह्वान छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ की ओर से किया गया है। इसमें कर्मचारियों के साथ स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल हैं।
रायगढ़ में एक्स-रे, पैथोलॉजी सहित अन्य सुविधाएं भी बंद

रायगढ़ जिले में करीब 1000 स्वास्थ्य कर्मचारी हैं। इनमें से 350 कर्मचारी शहरी क्षेत्र में हैं। इनके एक साथ काम बंद कर देने से एक्स-रे, पैथोलॉजी सहित सभी सुविधाएं बंद हो गई हैं। जिला अस्पताल के साथ ही अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में भी ताले लटके हुए दिख रहे हैं। यहां तक कि इमरजेंसी सेवाएं भी बंद हैं। ओपीडी में डॉक्टर तो अपने समय पर पहुंच गए थे, लेकिन हड़ताल के चलते मरीज ही नहीं आए।
नर्सिंग कॉलेज स्टॉफ को बुलाया गया काम पर
वहीं, जो मरीज़ जिला अस्पताल में भर्ती थे उन्हें भी छुट्‌टी दे दी गई है। ज्यादातर मरीज घर चले गए हैं या फिर निजी अस्पतालों में शिफ्ट हो गए हैं। अस्पताल में बेड खाली हैं। जो तीन-चार मरीज बचे हैं, उनका ऑपरेशन होना है। ऐसे में डर के चलते उनके परिजन बोलने से बच रहे हैं। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग कॉलेज से स्टॉफ को बुला लिया है।
जांजगीर: ओपीडी बंद, दवा-पट्‌टी देने वाला भी नदारद 
लगभग यही हालात जांजगीर में भी है। वहां एक्स-रे और दवाई बांटने के केंद्र बंद हैं। इसके चलते ओपीडी भी ठप हो गई है। यहां हादसे के शिकार मरीजों या फिर चोटिल मरीजों की पट्‌टियां बांधने तक के लिए कोई नहीं है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में 57 कर्मचारी हैं, सभी हड़ताल में शामिल हैं। इस दौरान कई मरीज ऐसे भी हैं, जो दूर-दराज के गांव से आए, लेकिन अब उपचार के लिए भटक रहे हैं।
बिलासपुर: दावे फेल, मरीज परेशान
बिलासपुर CIMS के 450 तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के साथ ही टेक्नीशियन, जिला अस्पताल के 110 से अधिक नर्स सहित तखतपुर ब्लॉक के 135, मस्तूरी के 82, बिल्हा के 134 और कोटा के 95 सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जबकि अस्पताल प्रबंधन का दावा था कि इससे कोई दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन मरीज वहां भी परेशान होते रहे।
जीपीएम: यहां अन्य शासकीय कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अन्य शासकीय कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। इसके चलते सभी शासकीय कार्यालयों में तालाबंदी जैसा माहौल है। कर्मचारी 11 से 13 अप्रैल तक का आकस्मिक अवकाश लेकर कर्मचारी भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके लिए उन्होंने सरकार को पहले ही अल्टीमेटम दे दिया था।

 

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