राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि उपचुनाव में किसी वजह से वह हार जाते तो उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल उठ खड़े होते। इसलिए भी वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। अब राज्यसभा के लिए जब उनका कार्यकाल जुलाई में जल्द खत्म हो रहा है।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि उपचुनाव में किसी वजह से वह हार जाते तो उनके राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल उठ खड़े होते। इसलिए भी वह कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। अब राज्यसभा के लिए जब उनका कार्यकाल जुलाई में जल्द खत्म हो रहा है।”