खनिज अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी से खुले रूप से हो रही अवैध वसूली
जिले के कटघोरा तहसील अंतर्गत ग्राम धवईपुर स्थित रेत घाट पर पट्टेदार के कारिंदों द्वारा खुले तौर पर मनमाने ढंग से रेत की लायल्टी वसूली जा रही है जबकि खनिज विभाग द्वारा रेत की लायल्टी का निर्धारण पहले ही कर दिया गया है।
अरूण सांडे की रिपोर्ट
कटघोरा | कोरबा जिले के कटघोरा तहसील के ग्राम पंचायत धवईपुर में संचालित रेत खदान के कर्मचारियों की दबंगई इन दिनों खूब सुर्खियाँ बटोर रही हैं। शासन-प्रशासन द्वारा रेत रायल्टी की दर 491 रूपये तय किए जाने के बावजूद उसकी जगह 700 रूपये वसूलने का रिकार्ड बनाया जा रहा है।
इतना ही नहीं, धवईपुर रेत खदान के कर्मचारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे यह भी कहने से नही चूकते कि इस बात के लिए ऊपर से आदेश है।
रेत खदान कर्मचारी रेत का परिवहन कर रहे ट्रैक्टर चालकों से खुलेआम यह भी कह रहे हैं कि मीडियाकर्मी यदि पूछें तो 700 रूपये नही 900 रूपये ही बोलना। इनके बीच कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जो यह कहते फिर रहे हैं कि यहां तक आने वाले मीडियाकर्मियों को उनके उपर के अधिकारियों से फोन करवा दूंगा। रेत खदान कर्मचारियों का यह वाक्यांश जिला प्रशासन और खनिज विभाग की घोर लापरवाही और अनदेखी को उजागर करता है।
ख़ास बातें :
• नियमानुसार रेत खदान संचालक द्वारा विक्रय मूल्य का बोर्ड लगाना आवश्यक है, पर यहां नहीं है।
• रेत खदान में संचालक के द्वारा रैम्प बनाना चाहिए जो यहां नही बना है।
निर्देशानुसार रेत घाट पर कैमरा लगाना आवश्यक है जो यहां नहीं लगा है।
• रेत घाट संचालक द्वारा ट्रैक्टर को रेत भरकर देना होता है, पर यहां ट्रैक्टर चालकों द्वारा स्वयं भरकर ले जाया जाता है।
• लूज में रेत ले जाते हुए ट्रैक्टर पकड़े जाने पर कार्यवाही केवल ट्रैक्टर मालिकों के विरुद्ध ही की जाती है।